सोनिया गांधी ही रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष






आज भारी गहमा गहमी के साथ लगातार सात घंटे तक चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक बार फिर सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है। जबकि नए अध्यक्ष का चुनाव आने वाले छह महीनों के भीतर किए जाने की बात कही गई है।



कांग्रेस नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य केएच मनियप्पा ने बताया कि मैडम (सोनिया गांधी) अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी और जल्द से जल्द अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। यही बैठक में निर्णय लिया गया है।



पार्टी नेताओं केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने कार्यसमिति की बैठक का ब्यौरा देते हुए पत्रकार वार्ता में कहा कि इस संबंध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया है।



पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि नए अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के अधिवेशन की बैठक में किया जाएगा। पार्टी में सुधार को लेकर 23 नेताओं की चर्चित चिट्ठी के बारे में कहा कि पार्टी ने तय किया है कि अब हमें इसे भूलकर आगे की ओर बढऩा है। हालाकि पार्टी कार्यसमिति के सदस्य पीएल पूनिया ने बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी की बात पर चिंता जताई है।



इस संबंध में पुनिया ने कहा कि हर कोई अपनी बात कह सकते हैं, उसकी स्वतंत्रता है, इन पर चर्चा होनी चाहिए पर वो पार्टी फोरम पर होनी चाहिए ना कि पब्लिक डोमेन में, और ये बात मीडिया में गई इस पर लोगों ने जरूर चिंता जताई।



पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया। केवल असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई सेहत की वजह से बैठक में हिस्सा नहीं ले सके।



बता दे कि कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक में शीर्ष नेताओं के बीच काफी तनातनी देखने को मिली। राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद समेत अन्य नेताओं को पत्र लिखने के लिए टाइमिंग को लेकर आलोचना के साथ ही फटकार लगाई।



इससे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद इतने आहत हुए कि उन्होंने इस्तीफा देने तक की बात कह दी। वहीं कपिल सिब्बल ने पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा पर सवाल उठने पर खेद जताया।



इसके कुछ घंटे बाद पार्टी ने गुलाम नबी आजाद ने भी ट्वीट कर लिखा - मीडिया के एक हलके में ये गलत कहा जा रहा है कि कार्यसमिति की बैठक में मैंने राहुल गांधी से कहा कि वो ये साबित करें कि हमने जो चिट्ठी लिखी वो बीजेपी से सांठ-गांठ के बाद लिखी।



मैं ये बात बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि राहुल गांधी ने ना तो कार्यसमिति और ना ही उसके बाहर कभी ये कहा कि ये चि_ी बीजेपी की वजह से लिखी गई है।



समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पार्टी के दो सूत्रों ने बताया है कि पत्र लिखने वाले असंतुष्ट नेता चाहते हैं या तो नेहरू-गांधी परिवार सक्रिय भूमिका अदा करे या फिर पद से हट जाएं। इस पत्र का कांग्रेस के 300 क्षेत्रीय नेता समर्थन कर रहे है।